Sunday, January 30, 2011

हजारों लावारिस गोवंश को छत देंगे बादल


पंजाब में गोवंश की बेकद्री कम हो, इसके लिए गौभक्तों को शासन प्रशासन की कृपा की दरकार है। हालांकि, गौरक्षा बोर्ड नाभा में प्रदेश की सबसे बड़ी गौशाला बनाने की योजना तो बना चुका है, लेकिन निर्माण से पहले वह जमीन को अवैध कब्जों से मुक्त कराने की जद्दोजहद में जुटा है। पंजाब में इस समय लगभग बीस हजार गायें-बछड़े लावारिस हैं, अगर यह योजना सिरे चढ़ जाती है तो इनमें से ज्यादातर गौवंश को छत नसीब हो सकती है। राज्य की प्रकाश सिंह बादल सरकार द्वारा गठित गौरक्षा बोर्ड नाभा के निकट गौ चरांद (महाराजा नाभा द्वारा गायों के लिए छोड़ी जगह) वाली दो सौ एकड़ पर प्रदेश स्तरीय गौशाला बनाने जा रहा है। बोर्ड ने सरकार से उक्त जगह हासिल करने की मंजूरी ले ली है। सरकार ने दो सौ में से करीब 40 एकड़ पर हुए कब्जे छुड़ाने के लिए डीसी को पत्र भी लिखा है। फाजिल्का के गांव बोदीवाला पीथा में प्रदेश स्तरीय गौशाला के लिए गौ रक्षा बोर्ड इन दिनों जनमत जुटा रहा है। फाजिल्का आए बोर्ड के वाइस चेयरमैन देवी दयाल पराशर ने बताया कि गौवंश के भोजन के लिए सरकार से फंड की मांग की गई है। वैसे चारा गौशाला की जमीन पर भी पैदा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि देश की सबसे बड़ी गौशाला राजस्थान में बीकानेर के निकट सिंहथल धौरा में है, जहां करीब पांच लाख गायें हैं। उस गौशाला का संचालन साधू संत करते हैं। लेकिन किसी प्रदेश सरकार द्वारा गठित बोर्ड द्वारा बनाई जाने वाली बड़ी गौशाला पंजाब के नाभा में बनाई जा रही गौशाला ही होगी। वर्तमान में पूरे पंजाब में तीन सौ छोटी बड़ी रजिस्टर्ड गौशालाएं हैं। उनमें करीब ढाई लाख गायें पल रही हैं। पराशर ने बताया हालांकि प्रदेश स्तर पर बनाई जा रही गौशाला में बेसहारा पशु लाने के लिए सरकार ने हर जिले के डीसी से रिपोर्ट मांगी है, लेकिन बोर्ड द्वारा करवाए सर्वे के अनुसार करीब 10 हजार गायें और बछड़ों आदि को मिलाकर करीब 20 हजार गौवंश बेसहारा घूम रहा है।